चंदौसी /सम्भल

चिंतनपुर के पहले वकील बने आसिफ अल्वी: आजादी के बाद गांव को मिला पहला न्यायिक योद्धा

..

सम्भल – चिंतनपुर गांव की मिट्टी में कई होनहारों ने जन्म लिया, लेकिन आजादी के बाद यहां से कोई भी न्याय के क्षेत्र में कदम नहीं रख पाया। यह सिलसिला उस समय टूटा, जब यासीन अल्वी के बेटे आसिफ अल्वी ने अपने बुलंद हौसले और मेहनत से इतिहास रचते हुए वकालत की डिग्री हासिल की और ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE )की परीक्षा पास कर गांव के पहले वकील बने।
आसिफ अल्वी ने न केवल गांव का नाम रोशन किया, बल्कि न्याय के क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर उभरे। जहां बड़े शहरों में वकालत का क्षेत्र पहले से ही मजबूत था, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह पेशा अब भी संघर्ष कर रहा था। ऐसे में आसिफ अल्वी का वकील बनना चिंतनपुर के लिए लोहे के चने चबाने से कम नहीं है।कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ेआसिफ अल्वी के इस सफर में संघर्ष कम नहीं था। सीमित संसाधनों और गांव की साधारण परिस्थितियों में पले-बढ़े आसिफ ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने न केवल कानूनी पढ़ाई में महारत हासिल की, बल्कि अपनी सूझबूझ और न्याय के प्रति समर्पण से वकालत के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई।गांव-गांव ओर अपनो के लिए प्रेरण आसिफ अल्वी का वकील बनना न केवल उनके परिवार के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे चिंतनपुर के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। उनकी सफलता से गांव के युवाओं को यह संदेश मिलता है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर लगन और हौसला हो तो हर मंजिल पाई जा सकती है।
सामाजिक सेवा की उम्मीद
चूंकि आसिफ अल्वी अब ऑल इंडिया बार काउंसिल का हिस्सा हैं, ग्रामीणों को उम्मीद है कि वह अपने गांव और आसपास के लोगों को कानूनी सहायता देकर समाज सेवा में भी योगदान देंगे। उनकी इस उपलब्धि से न केवल गांव का सम्मान बढ़ा है, बल्कि भविष्य में और भी युवा इस पेशे को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।गुरु का आशीर्वाद
इस सफलता में उनके गुरुजी अर्जुन सिंह एडवोकेट का महत्वपूर्ण योगदान है। गुरुजी ने न केवल उन्हें सही दिशा दिखाई बल्कि उन्हें हर मुश्किल वक्त में प्रोत्साहित किया और आगे बढ़ने का हौसला भी दिया। आसिफ अल्वी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजी को देते हुए कहा, “गुरुजी की सरपरस्ती में मैंने वकालत की बारीकियों को सीखा और उनके आशीर्वाद से ही मैं इस मुकाम तक पहुंचा हूं।”आगे का सफर
आसिफ अल्वी अब जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर, चंदौसी, संभल (उत्तर प्रदेश) में वकालत की प्रैक्टिस करेंगे। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सिर्फ एक शुरुआत है। अब वे समाज और न्याय की सेवा के लिए समर्पित रहकर अपने पेशेवर जीवन में नई ऊंचाइयों को छूने की उम्मीद रखते हैं दुआओं का तलबगार
आसिफ अल्वी ने आगे बढ़ते रहने के लिए अपने गुरुजी और सभी शुभचिंतकों से दुआएं और मार्गदर्शन की अपेक्षा की है। उनका मानना है कि वकालत के इस सफर में अनुभव और ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती, और वे लगातार सीखते हुए समाज में न्याय और कानून का परचम बुलंद करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
आसिफ अल्वी एडवोकेट को उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए ढेरों शुभकामनाएं। बहादुर ज़िंदाबाद!

 

आसिफ अल्वी की यह कामयाबी चिंतनपुर के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुकी है। उनके इस सफर के लिए गांववाले उन्हें ढेरों शुभकामनाएं और बधाई दी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *